मोदी रंग में रंग गए उपेन्द्र कुशवाहा, बोल रहे BJP की भाषा…

0
Spread the love

Desk : बीजेपी के रंग में रंग रहे हैं जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा. यह बात हम इसलिए भी कह रहे हैं कि कई दिनों से ऐसा देखा जा रहा है कि जो उपेंद्र कुशवाहा लगातार बीजेपी के ऊपर आरोप लगाते थे कि वह अति पिछड़ा विरोधी पार्टी है. अति पिछड़ों के बारे में कुछ नहीं सोचती है. अब वही उपेंद्र कुशवाहा पलटकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से सवाल कर रहे हैं लगातार उपेंद्र कुशवाहा पर यह आरोप लग रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के संपर्क में है और कहीं ना कहीं उनके बातों से यह साबित भी हो रहा है. क्योंकि वह बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं बीते दिनों आपने देखा किस तरीके से जगदेव बाबू की जयंती जेडीयू ने मनाया लेकिन उसी दिन उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू कार्यालय से कुछ ही दूरी पर एक अपना कार्यक्रम, पर्सनल कार्यक्रम किया. जगदेव बाबू की जयंती मनाई और वहां पर उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से सवाल किया पूछा कि 100 में 90 शोषित है. 90 भाग हमारा है यह सिर्फ भाषण ही है या इस पर काम भी होगा. क्योंकि 32 साल तक तो आप ही लोग राज किए हैं. एक तरफ आपके पिता लालू प्रसाद यादव 15 साल और दूसरी तरफ आप जिनके साथ आज हैं वह 17 साल तो आखिर यह अति पिछड़ों राजनीत हो रही है. वह कब खत्म होगी. सबसे बड़ी बात यह हैं कि आज के समय में अगर देखा जाए तो बिहार में तेजस्वी यादव औऱ नीतीश कुमार के विरोध अगर कोई बोल रहा है तो वह बीजेपी है. क्योंकि बीजेपी विपक्ष की भूमिका निभा रही है. वह लगातार सवाल कर रही है.

यह भी पढ़े : बाबा रामदेव के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकदमा दर्ज….

लेकिन पहली बार ऐसा देखा गया है कि जेडीयू के नेता ही नीतीश कुमार से सवाल कर रहे हैं. तेजस्वी यादव से सवाल कर रहे हैं. जबकि बिहार में महागठबंधन की सरकार है और उस गठबंधन में जेडीयू औऱ राजद दोनों की हिस्सेदारी है. लेकिन फिर भी उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से सवाल पूछ रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी से सवाल क्यों नहीं कर रहे हैं. क्योंकि अगर आप देखे हैं तो 17 साल नीतीश कुमार के शासनकाल में 15 साल तो वह बीजेपी के साथ ही रहे है. उपेन्द्र कुशवाहा ने बीजेपी से एक बार भी सवाल नहीं किया और सबसे बड़ी बात है कि अभी जो बजट आया है उस बजट पर जब उपेंद्र कुशवाहा से सवाल किया गया तो उपेंद्र कुशवाहा ने उस बजट के बारे में कुछ नहीं बोला. जी हाँ ना तो उन्होंने पक्ष में बोला औऱ ना ही विपक्षी में.

अब सवाल यही से उठने लगा है कि जो उपेंद्र कुशवाहा लगातार बीजेपी पर हमलावर रहते थे. उसी उपेंद्र कुशवाहा को अब बीजेपी अच्छी पार्टी लगने लगी है. तो कहीं ना कहीं 2013 वाला काम फिर से एक बार उपेंद्र कुशवाहा दोहराएंगे क्योंकि आपने देखा किस तरीके से 2013 में उन्होंने जदयू से इस्तीफा दिया औऱ जनवरी में और 2 महीने के बाद यानी मार्च में अपनी पार्टी बनाई और उसके बाद एनडीए में शामिल हो गए. 2014 में एनडीए की तरफ से चुनाव भी लड़ कर जीत भी गए थे.

आपको बता दें ठीक वैसा ही माहौल अभी हुआ है 2023 में वह जेडीयू से अलग होने वाले हैं और 2024 में लोकसभा का चुनाव है तो सब कयास लगा रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा फिर से एक बार अपनी पार्टी को जीवित करेंगे और NDA में शामिल होंगे और फिर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि क्या वाकई में बीजेपी के इशारे पर ही नीतीश कुमार पर इतने हमले कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा से क्या यह सब बीजेपी करवा रही है. ताकि नीतीश कुमार को कोइरी के नेता डैमेज किया जाए, ताकि लव-कुश समीकरण टूटकर बीजेपी के साथ आ जाए और उसके बाद 2024 में बीजेपी को इसका फायदा मिल पाएं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *