सुशासन बाबू के सरकार में क्यों बहरी बन बैठी है प्रशासन

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ट्रैफिक जाम राजधानी पटना की आम समस्या बन चुकी है. आवादी ओर किसी ख़ास दिन ऐसा होना समझ आता है लेकिन आम दिन में बिना किसी रैली, रोडशो, परीक्षा के अगर दिन दिन भर लोग ट्रैफिक में फंसे रहें तो कौन ज़िम्मेदार?

ट्रैफिक की समस्या कई अन्य समस्याओं को भी जन्म दे देती है. ऐसे में लोगों को अकारण संघर्ष करना परता है. गर्मियों के दिन में ट्रैफिक और ज्यादा परेशान करती है. तेज़ धुप और गर्मी की वजह से लोगों को कई दिक्क़तो का सामना करना पड़ता है. दरअसल पटना के दानापुर बिहटा रोड पर आज घंटो भीड़ लगी रही. जिसकी जिम्मेदारी लेने वाला नाहीं ट्रैफिक इंस्पेक्टर था तो नाहीं प्रशासन और नहीं क्षेत्र के अधिकारी . अब सवाल यह है की ऐसे में पब्लिक क्या करें?

यातायात क़ानून के अनुसार ट्रक चलाने की परमिशन रात के 10 बजे से सुबह के 5 बजे तक है पर दानापुर बिहटा रोड में बालू से लदे ऐसे अनगिनत ट्रक सड़क पर खडे थें,जिससे वाहनो को आने जाने में जगह नहीं मिल रही थी. ऐसे में आने जाने वाली गाड़ी, ऑटो, बस, मोटरबाइक, साइकिल की कतारे लग गई और लोग घंटो ट्रैफिक में फसे रहें.

पुलिस किसी भी तरह की जवाबदेही से बचना चाहते है, क्षेत्र के पुलिस चौकी में कॉल करने पर थाना से जवाब मिला की ये क्षेत्र हमारे अंतर्गत आता ही नहीं है. ये पूरी कहानी दानापुर बिहटा रोड की है.

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