सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा,रेलवे अधिकारी की चूक से गई सैकड़ों जाने…

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Desk : रेल के इतिहास के सबसे भीषण हादसों में से एक ओडिशा रेल हादसे में अब तक लगभग 281 लोगों की जान चली गई है. इस हादसे में तीन ट्रेनें- शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी. ये घटना तब हुई जब यात्री ट्रेन कोरोमंडल शालीमार एक्सप्रेस पटरी से उतरकर मालगाड़ी से टकराई और इसके कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट से भी जा टकराए.

रिपोर्ट के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन से गुजरने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था और फिर सिग्नल वापिस ले लिया गया (लाल हो गया). . लेकिन ट्रेन लूप लाइन में चली आई और वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा कर पटरी से उतर गई.

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कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन, मालगाड़ी के पिछले हिस्से पर चढ़ गया. और उसके डिब्बे बेपटरी होकर पलट गए. कुछ डिब्बे एक दूसरे ट्रैक पर भी छिटक गए. इसी पर दूसरी दिशा से तेज रफ्तार में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस आ रही थी. ये ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई. इससे उस ट्रेन के भी 3-4 डिब्बे पटरी से उतर गए.

बता दें रेल के अधिकारियों ने बताया कि इस दुर्घटना में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के आरक्षित डिब्बे का कोई यात्री हताहत नहीं हुआ है. जबकि सामान्य डिब्बे में बैठे कुछ यात्री ही घायल हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हादसे की जानकारी मिलने के कुछ देर बाद ही घटना स्थल पर पहुंच गई थीं. घायल यात्रियों को आसपास के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया. घायल यात्रियों के राहत एवं बचाव कार्य में सेना की टुकड़ियों को तैनात किया गया और वायुसेना के विमान भी राहत कार्य में लगाया गए हैं.

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