तेजस्वी के दावे हुए फेल, बिहार में बंध्याकरण शिविर के दौरान महिलाओं की हालत दिखी भेड़ बकरियों जैसी….

Bihar : बिहार के डिप्टी सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव सरकारी स्वास्थ्य सेवा को सुधारने का दावा करते हैं. 60 दिनों के भीतर बिहार में स्वास्थ सेवा को सुधार देने का लक्ष्य तय करने वाले तेजस्वी यादव को शायद यह मालूम ही नहीं कि महकमे में किस तरह की अराजकता देखने को मिल रही है. खगड़िया से बंध्याकरण शिविर के दौरान जो तस्वीर सामने देखने को आई है. वह काफी ही हैरान करने वाली है. यहां एक बंध्याकरण शिविर के दौरान सर्जरी के बाद महिलाओं को एक के बाद एक करके जमीन पर लिटा दिया गया. इनकी हालत देखने में भीड़ बकरियों जैसी लग रही है.
दरअसल आपको बता दें यह पूरा मामला खगड़िया जिले के परबत्ता से सामने आया है. परबता सामुदायिक केंद्र में शुक्रवार को एक बंधयाकरण शिविर का आयोजन किया गया था. यहां आई महिलाओं को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं दी गई और महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन देने के पश्चात ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमीन पर ही लिटा दिया गया. लाइन में सोई पड़ी महिलाओं की फिक्र ना तो बंध्याकरण शिविर के आयोजकों की थी और ना ही किसी डॉक्टर को. ऐसा बताया जा रहा है कि बंध्याकरण अभियान के अंतर्गत सरकार की तरफ से कई एजेंसियों को राशि मिलती है. वहीं टारगेट पूरा करने के लिए महिलाओं को भेड़ बकरियों की तरह इस शिविर में सर्जरी के लिए बुला लिया गया और जमीन पर लिटा दिया गया.
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इस दौरान बंध्याकरण शिविर के आयोजन में जुटे एजेंसी के लोगों से मीडिया ने सवाल किया. लेकिन जो जवाब सामने आया वह बहुत ही चौका देने वाला था. उनका कहना था कि वार्ड दूर होने की वजह से महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया है. एक तरफ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए समय सीमा तय करते हैं. तो वहीं दूसरी ओर बंध्याकरण शिविर के दौरान जो तस्वीरें खगड़िया से सामने आई है. वह तेजस्वी यादव के दावे से बिल्कुल ही अलग है. आपको बता दें कि इस तरह मुजफ्फरपुर में भी मोतियाबिंद सर्जरी के शिविर के दौरान लापरवाही बरतने का मामला सामने आया था. इस मामले में अस्पताल से लेकर सरकार तक की काफी फजीहत हुई थी. लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर इस तरह की लापरवाही और लूट आए दिन देखने को मिल रही है.