फर्जी कॉल मामले में सुशील मोदी ने सीबीआई जांच की मांग की…..

Patna : पटना हाई कोर्ट का फर्जी जज बनकर बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करने का मामला हाल ही में सामने आया था. इसके बाद बीजेपी लगातार इस मामले को लेकर हमलावर है. फर्जी कॉल मामले में बीजेपी की भूमिका को बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने संदिग्ध बताया है. और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की है.
बता दे इस मामले को लेकर सुशील मोदी का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई से निष्पक्ष जांच बिल्कुल संभव नहीं है. इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दे देना चाहिए. क्योंकि ऐसे गंभीर सवालों का जवाब सीबीआई ही ढूंढ सकती है. साथ ही सुशील मोदी ने यह सवाल पूछा है कि गया के पूर्व एसपी के खिलाफ विभागीय जांच डीजीपी ने क्यों बंद कर दी? उन्होंने यह भी पूछा कि पूर्णिया में पोस्टिंग के लिए संचिका क्यों बढ़ाई गई थी? मामले को गंभीर बताते हुए सुशील मोदी ने सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग को दोहराया है.
दरअसल टाइल्स कारोबारी अभिषेक अग्रवाल पटना हाई कोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी एसके सिंघल से बात करते थे. आईपीएस आदित्य कुमार की पैरवी करने और क्लीन चिट देने का दबाव बीजेपी पर हमेशा बना रहा था. बार-बार कॉल आने के बाद जब बीजेपी को संदेह हुआ कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है. तब उन्होंने इसकी जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया.
वहीं जांच में जो कुछ भी सामने आया है उसे सुनकर हर कोई हैरान है. फर्जी जज बनकर फोन करने वाला और कोई दूसरा व्यक्ति नहीं आईपीएस आदित्य कुमार का दोस्त अभिषेक अग्रवाल ही था. मामला सामने आते ही उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया. अभिषेक अग्रवाल समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इनके पास से 9 मोबाइल फोन समेत कई सिम कार्ड को जप्त किया गया.
हालांकि आईपीएस आदित्य अभी भी फरार है. आईपीएस आदित्य के दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने अपना जुर्म कुबूल किया है. पूछताछ के क्रम में उसने कई तरह के खुलासे किए हैं. डीजीपी सिंगल पर रौब दिखाने के लिए उसने व्हाट्सएप डीपी पर चीफ जस्टिस की फोटो लगाई थी.