जातिगत जनगणना पर संजय जायसवाल ने कहा झूठ बोलना बंद करें नीतीश, जनता को बताए क्यों नहीं होगी उपजाति की गणना…..

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Patna: बिहार में शनिवार से जातिगत जनगणना का काम शुरू कर दिया गया है. बिहार सरकार इस पर 500 करोड़ खर्च कर रही है. सीएम नीतीश कुमार के यह कहने पर कि जातिगत जनगणना में उप जातियों के गिनती नहीं की जाएगी. इस पर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने विरोध जताया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना शुरू हो गई है, लेकिन सरकार ने किसी भी दल को यह नहीं बताया कि उसका स्वरूप क्या होने वाला है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से अपील की है कि पहले वह झूठ बोलना बंद करें और लोगों को यह बताएं कि उपजाति का मतलब क्या होता है.

नीतीश कुमार की यादाश्त जरूरत से ज्यादा कमजोर हो चुकी है. नीतीश कुमार यह बात भूल चुके हैं कि जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए गए थे तो बीजेपी का समर्थन उन्हें उस समय प्राप्त था. नीतीश कुमार यह भी बोल चुके हैं कि जब उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी तो बीजेपी ही ऐसी पार्टी थी जिसके 2 प्रतिनिधि वहां पर उपस्थित थे. जिस तरह से सभी दलों ने यह तय किया था कि जातिगत जनगणना होगी तो उसी तरह से सभी दलों को यह भी बताना चाहिए कि यह क्या हो रहा है?

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अचानक से नीतीश कुमार का बयान आता है कि उपजाति की गणना नहीं होगी. हर जाति में कई तरह की उपजातियां होती है. क्या उनकी गिनती नहीं की जाएगी. नीतीश कुमार को सामने से आकर बताना चाहिए कि वह उपजातियों की गिनती आखिर क्यों नहीं करा रहे हैं. नालंदा में नीतीश कुमार की जाति की संख्या 5 फ़ीसदी भी कुर्मी समाज में नहीं है. इस बात को नीतीश कुमार अच्छी तरह से जानते भी हैं इसलिए पूरे उपजाति की गणना नहीं करा रहे है. उन्होंने कहा कि जब सरकार इतना पैसा खर्च कर ही रही है तो इसका लाभ भी बिहार की जनता को पूरी तरह से मिलना चाहिए.

साथ ही संजय जयसवाल ने नीतीश कुमार से अपील की है कि पहले वह झूठ बोलना बंद कर दे, और लोगों को यह बात बताए कि उपजाति का मतलब क्या है? एक मुख्यमंत्री को कभी भी यह शोभा नहीं देता कि वह सार्वजनिक जगह पर जाकर झूठ न बोला करें. जातिगत जनगणना में आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को कैसे सदस्यता से रोक पाएंगे. जो बांग्लादेशी लोग बिहार में घुसपैठ कर चुके हैं क्या नीतीश कुमार उन लोगों को देश का नागरिक बनाने जा रहे हैं? यह सब चीजें नीतीश कुमार को बता देनी चाहिए सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर कभी किसी भी दल को इसके लिए ब्रिफ नहीं किया है. सरकार चोरी छुपे जातीय जनगणना करा रही है.

बता दे इस दौरान संजय जायसवाल ने हरियाणा मॉडल की चर्चा करते हुए कहा कि हरियाणा की सरकार ने भी गणना कराई थी. जिसमें सभी चीजों को पूरी स्पष्ट रुप से बताया गया था. हरियाणा में अंत्योदय सरल योजना को 2014 मैप बनाकर लागू किया गया था जबकि परिवार पहचान पत्र 2021 में हरियाणा राज्य के एक्ट से बना है. सरकार को एक कानून बनाकर जातिगत जनगणना को अमलीजामा पहनाना चाहिए था. विधानसभा सत्र के दौरान भी सरकार ने इसको लेकर चर्चा नहीं की थी. बीजेपी को शक है कि नीतीश कुमार बिहार के लोगों का फायदा पहुंचाना चाह रहे हैं, या महज यह एक नाटक कर रहे हैं.

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