सम्राट चौधरी का महागठबंधन पर हमला, शराब और बालू के पैसों से चल रहा JDU….

Patna: बिहार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी गर्मी बढ़ती चली जा रही है. बीजेपी के नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने जनता दल यूनाइटेड के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है. जी हां सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सरकार चल रही है. और जनता दल यूनाइटेड जैसी पार्टी केवल बालू और शराब के पैसों पर ही चल रही है.
बिहार में शराब और बालू के कारोबार से जुड़ी खबरें सामने आती रहती हैं. जबकि राज्य में लागू कानून के हिसाब से इस दोनों पर ही पाबंदी है लेकिन इसके बावजूद इन दोनों चीजों के अवैध कारोबारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कई बार ऐसा भी देखा गया है कि इसका कारोबार करने वाले लोग किसी न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होते हैं. अब इस बात में कितनी सच्चाई है. इसका सबूत तो किसी के पास नहीं है लेकिन फिलहाल इस मामले में बिहार विधान परिषद में विपक्षी दल के नेता सम्राट चौधरी ने अपने प्रतिक्रिया दी है.
बता दे सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में कोई नियम कानून नहीं बचा है. राज्य में जबसे नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ आए हैं तब से नियम कानून का भय लोगों के मन से बिल्कुल नहीं खत्म हो गया है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस सरकार के मुखिया पर भी भ्रष्टाचार के कई आरोप हो और 1 दर्जन से अधिक लोग अपराधिक मामले में चार्जशीट हो तो फिर कानून के नियम का कोई सवाल नहीं रह जाता. बिहार में लोग आसानी से शराब और बालू में कानून के नियमों को तोड़ रहे हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि जनता दल यूनाइटेड पार्टी का पैसा इकट्ठा करने वाले का जरिया ही शराब और बालू है. राष्ट्रीय जनता दल तो पहले से ही इस पर चल रहा था.
इसके साथ ही नगर निकाय चुनाव को लेकर भी सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार अति पिछड़ों के साथ मजाक कर रही है. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कई बार आदेश दिया है कि आयोग का गठन किया जाए. आयोग का गठन भी किया गया. लेकिन बिहार की सरकार ने आचार संहिता खत्म नहीं किया इसका मतलब है कि दाल में जरूर कुछ काला है और इसका कल सबूत भी मिल गया. राज्य निर्वाचन आयोग कागज का घोड़ा हो गया है. जबकि खुद नीतीश कुमार फुटबॉल बन गए हैं.
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वहीं बीपीएससी में हुई गड़बड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में छात्रों के साथ गलत हो रहा है. किसी परीक्षा का 9 सवाल गलत होने के बावजूद इसको लेकर कोई सुध नहीं लिया जा रहा है. इसको लेकर कई जगहों पर आंदोलन भी हो चुका है. लेकिन इसके बाद भी बिहार सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा, इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है. पहले तो नौकरी में इन लोगों ने फर्जीवाड़ा किया गया. हकीकत तो यह है कि बिहार लोक सेवा आयोग नीतीश कुमार के अंदर चल रहा है. इसमें चेयरमैन बदल जाते हैं. लेकिन रजिस्ट्रार वही होता है जो नालंदा का होता है इससे यह साफ मालूम चलता है कि बिहार में जब से सरकार बनी है तभी से लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है.