नीतीश के साथ आने से राजद को हो रहा नुकसान, पशुपति पारस नें की बड़ी भविष्यवाणी…..

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Patna : नीतीश के साथ आने से तेजस्वी को हो रहा है नुकसान. आने वाले समय में नीतीश बन सकते है तेजस्वी के लिए संकट. दरअसल जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है. तबसे राजद कोटे के दो मंत्रियों की विदाई नीतीश कैबिनेट से हो चुकी है. ऐसा माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की विदाई भी जल्द हो सकती है. जिसके बाद तेजस्वी यादव को एक औऱ बड़ा झटका लग सकता है. हालांकि तेजस्वी के साथ साथ राजद का शीर्ष नेतृत्व चंद्रशेखर के साथ खड़ा हो गया है. इधर दूसरी ओर विपक्ष के साथ साथ जेडीयू मंत्री भी चंद्रशेखर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े है. बता दें सुधाकर सिंह और चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जेडीयू और राजद एक दूसरे के आमने सामने आ गई हैं.

इसी क्रम में महागठबंधन में चल रहे खींचतान को लेकर राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण ही गलत समय में हुआ था. तीन महिने में ही तीन विकेट गिर गया है. और आने वाले समय में बहुत कुछ हो सकता है. साथ ही उन्होंने महागठबंधन को बेमेल गठबंधन बताते हुए कहा कि जिस दिन चुनाव होगा उस दिन तेजस्वी यादव को राहुल गांधी और नीतीश कुमार में से किसी एक को चुनना पड़ेगा. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लालच में एनडीए गठबंधन को छोड़कर राजद के साथ महागठबंधन में शामिल हो गए गए. उन्होंने पुरानी कहावत को याद दिलाते हुए कहा कि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकते. एक तरफ राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं तो दूसरी ओर नीतीश कुमार को उनके लोग पीएम कैंडिडेट बता रहे हैं. जिस गठबंधन में राहुल गांधी और नीतीश कुमार हैं उसमे तेजस्वी यादव भी शामिल हैं.

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ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इस स्थिति में तेजस्वी यादव क्या करेंगे. ऐसे भी 2024 में लोकसभा का जो चुनाव होना है. उसमें कोई वैकेंसी नहीं है. नरेंद्र मोदी ही फिर से देश के प्रधानमंत्री होंगे और दो तीहाई बहुमत से एनडीए की सरकार फिर बनेगी. पारस ने कहा कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार का गठन हुआ तो वह शुभ दिन देखकर नहीं हुआ. जिस दिन सरकार बनी उसके दूसरे-तीसने दिन कानून मंत्री पर गंभीर आरोप लगे और अंततः उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. कुछ दिन के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का मामला सामने आया औऱ उन्होंने अपने ही विभाग के अधिकारियों को चोर बताया और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसका नतीजा हुआ कि उन्हें भी मंत्री पद छोड़ना पड़ा. अब नया मामला शिक्षा मंत्री का देखने को सामने आया है. उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से जो बहुत विद्वान व्यक्ति होता है उसे ही शिक्षा मंत्री का पद दिया जाता है. बिहार के शिक्षा मंत्री को रामायण और महाभारत का कोई ज्ञान नहीं है. उन्होंने रामचरितमानस को लेकर जो आपत्तिजनक बयान दिया है. वह उन्हें नहीं बोलना चाहिए था. ऐसे में शिक्षा मंत्री को एक मिनट भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि वे ऐसे शिक्षा मंत्री को अपने कैबिनेट से तत्काल बर्खास्त करें क्योंकि पूरे देश में शिक्षा मंत्री के बयान का निगेटिव मैसेज गया है.

तो ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि पशुपति पारस कि यह भविष्यवाणी कितनी सही साबित होती है औऱ क्या वास्तव में राजद कोटे से तीसरी विकेट भी गिरने वाली है.

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