शराबबंदी से बिहार में आ गया रामराज्य, नीतीश की सर्वे रिपोर्ट का दावा, राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार, सब में आ गया सुधार…

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Bihar : बिहार में शराबबंदी के बाद बिहार सुधर गया है और यहां राम राज्य की स्थिति आ गई है. जी हां ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ऐसा बिहार सरकार की एक रिपोर्ट कह रही है. भले ही बिहार में रहने वाले लोग इसको महसूस नहीं करें, लेकिन सरकार को रामराज्य वाली रिपोर्ट मिल गई है. शराबबंदी पर नीतीश कुमार ने अलग तरह का एक सर्वे कराया था. जिसकी रिपोर्ट आ गई है. बिहार में महिलाओं को घर के अंदर और बाहर बिल्कुल डर नहीं लगता. बिहार में शराबबंदी के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार सब सुधर गया है. क्राइम से लेकर रोड एक्सीडेंट सबपर ब्रेक लग गया है. बता दे राज्य सरकार ने आज अपने एक सर्वे का रिपोर्ट जारी किया है. और इस सर्वे में बिहार में रामराज वाली स्थिति होने का दावा किया गया है. सर्वे ऐसा कह रहा है कि शराबबंदी से सब सुधर गया है. इसलिए बिहार के लोगों ने शराबबंदी को और मजबूती से लागू करने की मांग की है.

दरअसल नीतीश कुमार ने अपने शराबबंदी की सफलता का आकलन करने के लिए एक खास तरह का सर्वे कराया था. बिहार सरकार ने सरकारी कॉलेज चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी को सर्वे करने का जिम्मा सौंपा था. यूनिवर्सिटी ने बिहार के 8 जिलों यानी कि पटना, गया बक्सर, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी और पूर्वी चंपारण में कथित तौर पर 4000 घरों में जाकर शराबबंदी का सर्वे किया और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी बिहार के उत्पाद आयुक्त कार्तिकेय धर्म जी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह रिपोर्ट सबके सामने जारी किया है. रिपोर्ट की बातों को हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले आप देखिए कि सरकार की सर्वे का निष्कर्ष क्या है.

वर्तमान अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि शराबबंदी से सभी स्तरों पर सकारात्मक बदलाव सामने आए हैं. व्यक्ति, परिवार और समाज सबकी स्थिति मैं सुधार आया है. महिलाओं और बच्चों की बेहतर स्थिति अब हो गई है. स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक वातावरण में सब ठीक रहने लगा है. शराबबंदी से ना सिर्फ बिहार में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है बल्कि बेहतर समाज भी एकजुट हुआ है. बच्चों में कुपोषण कम हो गया है, और महिलाएं अब निडर हो गई है. क्या तो शराबबंदी पर नीतीश कुमार के सर्वे का निष्कर्ष है हम इस सर्वे की सारी खास बातों को आपको बताएंगे बिहार के लोग इस रिपोर्ट को पढ़कर हैरान जरूर हो सकते हैं. लेकिन सरकार की रिपोर्ट कह रही है कि बिहार के 80% लोग ना सिर्फ शराब बंदी के पक्ष में है बल्कि इसे और कड़ी तरह से लागू करने की मांग भी कर रहे हैं. जाति और वर्ग से हटकर बिहार की सारी महिलाएं शराबबंदी का समर्थन कर रही है.

आपको बता दे सरकार कि रिपोर्ट कह रही है कि शराब बंदी के कारण पूरे बिहार में महिलाओं की जिंदगी बदल गई है. उनकी जिंदगी में खुशियां आ गई है. पढ़िए क्या कहता है सरकारी सर्वे का यह रिपोर्ट…

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बिहार के 80 फ़ीसदी लोग ऐसा मान रहे हैं कि शराबबंदी के बाद से महिलाओं को घर से बाहर निकलने की आजादी मिल गई है. यानी उन्हें अभी बाहर बिल्कुल डर नहीं लगता है. शराबबंदी के बाद महिलाएं सार्वजनिक मनोरंजन की जगह हो बाजारों और धार्मिक जुलूस में बड़े पैमाने पर भाग लेती देखी जाती है.

सरकारी सर्वे के अनुसार 51 परसेंट लोग ऐसा मान रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी के बाद से महिलाओं पर घरेलू हिंसा के मामले बहुत ही कम हो गए हैं सरकारी रिपोर्ट ऐसा कह रहा है कि बिहार में 91% लोग यह मानते हैं कि शराबबंदी के कारण महिलाओं को बेहतर राजनीतिक भागीदारी करने को मिल रही है. शराबबंदी के बाद महिलाएं घर में फैसले भी लेने लगी है. बिहार के 40% लोग ने सरकारी सर्वे करने वालों को यह बताया कि अब परिवार के फैसले लेने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका है उन्हें घर के बाहर काम करने की भी आजादी मिल गई है.

शराबबंदी मे कहां है गड़बड़ी
सरकारी सर्वे रिपोर्ट की मानें तो शराब बंदी से रामराज्य की स्थिति तो आ गई है. लेकिन इसे ठीक से लागू करने में बिहार पुलिस पूरी तरह से फेल हो गई है. जी हां 62% लोगों ने कहा है कि पुलिस प्रशासन शराबबंदी को ठीक से लागू नहीं कर पाई है. कई लोगों ने सर्वे करने वालों को यह भी बताया कि अवैध शराब के उत्पादन और वितरण करने वाले बड़े लोगों को अक्सर पुलिस छोड़ देती है. जबकि छोटे लोगों को पकड़ लिया जाता है.

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