कुंढ़नी में मिली हार से नीतीश कुमार से नाराज है पार्टी के नेता, उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश को दिखाया आइना….

Patna : कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में जदयू की हार के बाद से एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. इस हार के बाद नीतीश कुमार के कुनबे में घमासान शुरू हो गया है. जिसकी शुरुआत जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से हुई है. जी हां आपको बता दें उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ही उन्हें आईना दिखाया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है. पहली सीख जनता हमारे हिसाब से नहीं चलेगी बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना होगा.
बता दे उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट करते हुए यह बातें कहीं हैं. इसमें नीतीश कुमार का नाम तो नहीं लिया है उन्होंने, लेकिन आईना किसे दिखाया जा रहा है और किसे इस बात की नसीहत दी जा रही है इसे बेहद ही आसानी से आप समझ सकते हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने पहले ही कहा था कि शराबबंदी के कारण बेहद नुकसान हो रहा है. जबकि राज्य परिषद की बैठक में उन्होंने नीतीश कुमार को नसीहत दी थी कि वह अकेले में कार्यकर्ताओं से मिलकर सरकार और पार्टी के बारे में उनकी राय जाने. अब उपेंद्र कुशवाहा खुलेआम कह रहे हैं कि जनता हमारे हिसाब से नहीं चलेगी बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना होगा तो जाहिर सी बात है कि वह नीतीश कुमार को ही यह बात बता रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने तो शुरुआत की है पार्टी के कई और नेता नाराजगी जताने लगे हैं. जदयू ऑफिस में बैठे पार्टी के प्रदेश सचिव राजीव रंजन पटेल ने इसको लेकर कहा कि कुढ़नी में पार्टी का उम्मीदवार ही गलत था. मनोज कुशवाहा के खिलाफ लोगों में गहरी नाराजगी पहले से ही थी. जबकि जदयू ने अपने उम्मीदवार मनोज कुशवाहा का हवाला देकर ही राजद की कुढ़नी सीट मांगी थी. अब पार्टी के नेता उसी उम्मीदवार को गलत बता रहे हैं.
कुढ़नी में उपचुनाव परिणाम आने के बाद जदयू में घमासान तेज होने के पूरे आसार साफ दिखाई दे रहे हैं. दरअसल पार्टी के कई नेता पहले से ही अफसरशाही से लेकर शराबबंदी जैसे मामलों में नीतीश कुमार के रवैए के विरोध में थे. वहीं जदयू नेताओं का एक बड़ा वर्ग इस बात से भी बेहद नाराज है कि नीतीश कुमार ने राजद से दोस्ती कर ली है. ज्यादातर सांसद राजद विरोधी वोट के सहारे जीतकर एमपी बने हैं. उन्हें अगले चुनाव की चिंता जोरों से सता रही है. कुल मिलाकर अब नेता पार्टी के स्टैंड का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार इस मामले को किस हद तक संभालने में सफल रहते हैं.