एक बार फिर से कैबिनेट विस्तार को लेकर फँसा पेंच, सीएम नीतीश नें तेजस्वी के पाले में डाल दी बॉल….

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Patna : कैबिनेट के विस्तार को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस के द्वारा लगातार कैबिनेट विस्तार की मांग की जा रही है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं को पहले ही खारिज कर दिए थे. हालांकि CM नीतीश लगातार तेजस्वी यादव के पाले में बॉल डाल रहे हैं. कैबिनेट विस्तार के सवाल पर नीतीश कुमार ने एक बार फिर कह दिया है कि इस पर निर्णय तेजस्वी यादव को लेना है लेकिन कांग्रेस का कहना है कि कैबिनेट तेजस्वी का विभाग नहीं है और इस पर फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही लेना चाहिए.

दरअसल बिहार में महागठबंधन की सरकार जब बनी तो नीतीश कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से दो मंत्री बनाए गए थे. सरकार गठन के कुछ दिन बाद ही कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अखिलेश सिंह पटना पहुंचते ही दो औऱ मंत्री पद की मांग कर दी. बिहार कांग्रेस की कमान संभालने के बाद से ही अखिलेश सिंह लगातार यह मांग कर रहे हैं. इसी बिच सीएम नीतीश ने यह कहा कि खरमास के बाद कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा हालांकि लंबा समय बीत जाने के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं किया गया.

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इसके बाद विस्तार की बात को तेजस्वी यादव नें सीधे तौर से खारिज कर दिया और कहा कि कैबिनेट का विस्तार नहीं होने जा रहा है. तेजस्वी के इस बयान के बाद से कांग्रेस में नाराजगी हैं. आज एक बार फिर अखिलेश सिंह ने कैबिनेट विस्तार की मांग की और कहा कि इसपर फैसला मुख्यमंत्री को लेना है, ना कि तेजस्वी यादव को. यह तेजस्वी यादव का विभाग नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा खत्म होने के बाद कैबिनेट का विस्तार होगा और कांग्रेस कोटे से दो और मंत्री बनाया जाएंगे इसको लेकर मुख्यमंत्री से उनकी बात भी हो गई है.

पूरे समाधान यात्रा पर रोहतास पहुंचे सीएम नीतीश कुमार नें कैबिनेट विस्तार के सवाल पर एक बार फिर से बॉल को तेजस्वी यादव के पाले में डाल दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें जो भी करना है वह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को ही तय करना है. राजद और कांग्रेस के लोग आपस में बैठकर यह तय कर ले जो कहेंगे वैसा ही किया जाएगा. एक तरफ से नीतीश यह कह रहे हैं कि फैसला तेजस्वी यादव को लेना है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि कैबिनेट तेजस्वी यादव का विभाग नहीं है. इस पर फैसला सीएम नीतीश कुमार को लेना है. ऐसे में संभावना है कि आने वाले समय में कैबिनेट में विस्तार को लेकर एक बार फिर से महागठबंधन में तकरार बढ़ जाएगी.

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