नीरज चोपड़ा का शानदार फार्म अब भी है जारी , ओहिनलैंड मे वर्ल्ड चैंपियन को मात देकर जीता gold

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esk: टोक्यो ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट और भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा लगातार कारनामें करते नज़र आ रहे है. ओलिंपिक के बाद अपने पहले टूर्नामेंट में उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड कायम किया वहीं दूसरे टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है.

बता दे, नीरज ने फिनलैंड में हो रहे कुओर्ताने खेलों में गोल्ड  मेडल जीतकर अपना शानदार फॉर्म जारी रखा है उन्होंने यहां 86.89 मीटर का थ्रो फेंकर गोल्ड अपने नाम किया. वहीं फैंस को उम्मीद थी की वह यहां 90 मीटर का मार्क हासिल करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. चोपड़ा ने इससे पहले तुर्कु में पिछले सप्ताह 89 . 30 मीटर का थ्रो फेंककर पावो नुरमी खेलों में रजत पदक जीता था. वह 90 मीटर से सिर्फ 70 सेंटीमीटर से चूक गए. वहीं फिनलैंड के ओलिवेर हेलांडेर ने 89 . 83 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता था.

पहले ही प्रयास ने नीरज को मिला गोल्ड

विदित हो, नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 86.89 मीटर का थ्रो फेंका था. जिसके बाद उनका अगला प्रायस फाउल रहा और तीसरे प्रयास में वह जैवलिन फेंकते हुए फिसल गए. इसके बाद उन्होंने आगे जोखिम नहीं लिया. उनके अलावा 2012 ओलंपिक टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 86.64 मीटर के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं मौजूदा विश्व चैम्पियन एंडरसन पीटर्स 84.75 मीटर के साथ ब्रॉन्ज मेडल ही जीत सके. ओलिंपिक रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के जाकूब वालेश और पांचवें स्थान पर रहे जूलियन वेबर नहीं खेल रहे थे. वहीं जर्मनी के जोहानेस वेटर भी इसमें भाग नहीं ले रहे थे जिन्होंने पिछले साल यहां 93 .59 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता था. जानकारी के लिए बता दे चोपड़ा पिछले साल 86 . 79 मीटर का थ्रो फेंककर तीसरे स्थान पर रहे थे. नीरज अब 30 जून से डायमंड लीग के स्टॉकहोम चरण में भाग लेंगे.

नीरज का लक्ष्य है वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल

नीरज चोपड़ा का लक्ष्य इस साल होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना है हालांकि वह इसका दबाव नहीं लेंगे. इसको लेकर उन्होंने कुछ दिन पहले ट्रेनिंग में कहा, मैं विश्व चैम्पियनशिप के दौरान भी ऐसा ही करूंगा, देखते हैं कि क्या नतीजा मिलता है, मैं पदक जीतता हूं या नहीं. ऐसा नहीं है कि मैंने पिछले साल ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता है तो मुझे इस साल विश्व चैम्पियनशिप में भी पदक जीतना होगा. मैं देखूंगा कि भविष्य के लिये मैं और क्या सुधार कर सकता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि थोड़ा दबाव तो है, यह स्वभाविक है. लेकिन मैं हमेशा रिलैक्स रहने की कोशिश करता हूं और परिणाम के बारे में ज्यादा नहीं सोचता.

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