IGIMS में बदल गया इलाज का नियम: डॉयरेक्टर का बड़ा निर्णय, जन औषधि की दवाओं से होगा इलाज

बिहार की राजधानी पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानि (IGIMS) में इलाज की गाइडलाइन में कुछ बदलाव किए गए है, जिससे आने वाले मरीजों के फायदेमंद साबित है, अब मरीजों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाइयां सिर्फ जन औषधि की होगी।
एक मार्च से इस बदलाव की व्यवस्था की गई है। संस्थान ने फैसला लिया है कि, सभी तरह की सरकारी योजनाओं के उपचार के लिए ऐसी दवाएं ही अब प्रयोग में लाई जाएंगी।

बिहार में जब से यह संस्थान स्थापित हुआ है अब से पहली बार बदला इलाज का नियम
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के MEDICAL SUPERINTEDENT डॉ मनीष मंडल का कहना है कि, संस्थान में अब सभी तरह की सरकारी योजनाओं के उपचार में भारतीय जन औषधि केन्द्र की दवा की प्रतिपूर्ति की जाएगी। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि निदेशक डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा के साथ हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि, अब जो भी मरीज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष एवं प्रधानमंत्री चिकित्सा सहयता कोष के तहत इलाज करायेंगे, इन मरीजों को प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के द्वारा ही दवा , सर्जिकल सामग्री एवं प्रत्यारोपण से संबंधित इम्पलांट व दवा खरीद कर दी जाएगी।

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल का कहना है कि दवा, सामग्री खरीद कर संस्थान के केन्द्रीय दवा भंडार में रखा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि इन दवाओं की प्रतिपूर्ति विभिन्न विभागों में वहां से मरीजों तक उनके बेड पर पहुंचाया जा सके। संस्थान के विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में जो भी मरीज इलाज करवा रहे हैं, उनको सस्ते से सस्ते दर पर संस्थान के जन औषधि केन्द्र से दवा लेकर हर मरीज के बेड तक संस्थान के केन्द्रीय दवा भंडार के कर्मियों द्वारा पहुंचाया जाएगा ताकि, गरीब मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने पाए।
डॉ. विभूति ने कहा कि केन्द्रीय दवा भंडार को कंप्यूटर द्वारा संस्थान के जन औषधि केन्द्र से जोड़ा जाएगा ताकि दवा व अन्य समान केन्द्रीय दवा भंडार जल्द से जल्द उपलब्ध हो सके और वहां से मरीजों को वितरित की जा सके। उनका कहना है कि भविष्य में यह भी कोशिश की जाएगी कि यह सुविधा अन्य मरीजों को भी जाए।