गठिया के मरीज़ों के लिए ख़ुशख़बरी, अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन ने की अनूठी पहल, दिल्ली से पटना बुलाए जा रहे विशेष डॉक्टर……

Patna: गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीजों को विशेष रूप से ठंड में बहुत परेशानी होती है। ऐसे मरीजों की उत्कृष्ट डॉक्टर से इलाज के लिए राजधानी के प्रसिद्ध अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन ने एक अनूठी पहल की है। दरअसल इस संस्थान द्वारा देश के विख्यात गठिया रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रंजन कुमार को हर महीने अपने अस्पताल बुलाने का ऐलान किया है, जो कि इस महीने 16 दिसंबर को अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन, पटना गठिया को मरीज़ों का इलाज करने आ रहे हैं।

इस बारे में और जानकारी देते हुए अनूप इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर और प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष सिंह ने बताया कि एआईओआर में गठिया रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रंजन कुमार पहली बार गठिया के मरीज़ों का चेकअप करेंगे। इसमें हर प्रकार के अर्थराइटिस और ऑटोइम्यून रोगों के इलाज के बारे में उचित जानकारी दी जाएगी। इसका संचालन 16 दिसंबर को सुबह 10 बजे से लेकर दिन में दो बजे तक अनुप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन पीसी कॉलोनी, कंकड़बाग पटना में किया जाएगा। वैसे मरीज जो इन बीमारियों से परेशान हैं वह यहां आकर उचित सलाह ले सकते हैं। हालांकि इस क्लीनिक में आने से पहले उनको अपॉइंटमेंट लेना होगा। अपॉइंटमेंट इन नंबर पर कॉल करके लिया जा सकता है – +91 84484 10164 / 0612 236881 ।
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गठिया और इस दिन लगाए जा रहे विशेष क्लिनिक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ राजीव रंजन कुमार ने बताया कि आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि सारे गठिया एक ही प्रकार के रोग होते हैं। जबकि गठिया एक प्रकार का लक्षण होता है जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन, चलने में परेशानी, सुबह के वक्त ज्यादा दर्द होना जैसे लक्षण है। धीरे-धीरे आगे चलकर ये तकलीफ दे सकते हैं। कई ऐसी बीमारियां होती हैं जो इस तरह के लक्षण को पैदा करती है। गठिया एक लक्षण है जो कई बीमारियों से होता है। सब का अपना अलग इलाज होता है। और जो डॉक्टर इस बीमारी का इलाज करते हैं उन्हें रूमेटोलॉजिस्ट कहा जाता है। गठिया को जानने के लिए जागरुकता जरूरी है।

डॉ राजीव ने आगे बताया कि पूरे बिहार में रूमेटोलॉजिस्ट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जाड़े में गठिया विशेष रूप से परेशान करता है। जाड़े के दिनों में हम थोड़े आलसी हो जाते हैं और अपना मूवमेंट कम कर देते हैं। वैसे मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि एहतियात बरतें और ठंड में टहला करें। ऐसे मरीजों को मॉर्निंग वॉक छोड़ना नहीं है। गठिया में ठंड के दिनों में हमारी नसों के दर्द ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं। इससे दर्द का अनुभव ज्यादा होता है। इसलिए गर्म पानी नियमित अंतराल पर पीते रहना चाहिए। जाड़े के दिनों में भोजन में तैलीय और वसायुक्त भोजन से परहेज करें। यह सब चीजें हमारे शरीर में गठिया के कारक तत्वों को बढ़ाता है। हेल्दी डाइट पर फोकस करें।
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