सुधाकर सिंह की वजह से कमजोर हो रहा महागठबंधन, जल्द बने कोआर्डिनेशन कमेटी….

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Desk : सरकार के विरोध बोलकर मंत्री पद गंवा चुके राराजद के विधायक सुधाकर सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए कार्रवाई करने की मांग शुरू हो गई है. बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री सुधाकर सिंह को लेकर तेजस्वी से मांग कर रहे हैं तो वही तेजस्वी यादव ने इसको लेकर कहा कि बीमार रहने के बावजूद यह मामला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के संज्ञान में है. उन्हीं को अब इस पर एक्शन लेना है.

बता दे, बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने सवाल खड़ा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर सुधाकर सिंह जिस तरह की भाषा का उपयोग कर रहे हैं. उसके बारे में आपकी क्या राय है तो इस पर जवाब देते हुए माझी ने कहा कि विरोध करना एक अलग चीज है, और भी तरह का विरोध किया जा सकता है राजनीतिक जीवन में, सामाजिक जीवन में भी हर जगह विरोध और समर्थन होता है, लेकिन शब्दों की मर्यादा से कम से कम खुद को बाहर नहीं करना चाहिए.
इसके आगे उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह जब से मंत्री पद से इस्तीफा दिए हैं. तब से वह भाषा की मर्यादा को ताख पर रख चुके हैं. इसके बाद उनके मन में जो भी आता है वह वही बोलते रहते हैं. इसके साथ ही वह अपनी गलती को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं रहते हैं. ऐसे में जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि उनकी पार्टी के जो सबसे बड़ी नेता है, उन्हें इस पर संज्ञान लेना चाहिए, लेकिन वह बोलते हैं कि पहले पापा से बात करेंगे फिर इस पर कुछ बोलेंगे. लालू जी फिलहाल सिंगापुर में है वह बीमार है. ऐसे में जो कब पूछेंगे उसके बाद कब एक्शन लिया जाएगा और तब तक ना जाने कितना कुछ सुधाकर सिंह बोल जाएंगे. इसलिए इस विषय पर तेजस्वी को खुद संज्ञान लेना चाहिए. इस वजह से महागठबंधन को बेहद नुकसान हो रहा है. इन पर कोई एक्शन जल्द नहीं लिया गया तो गठबंधन का कोई फायदा नहीं है. कहीं यह कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है.

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इसके अलावा मांझी ने कहा कि इससे पहले सुधाकर सिंह जिस पार्टी के साथ रहे हैं. कहीं उसी पार्टी की तरफ से यह सब कुछ साजिश तो नहीं किया जा रहा. मैं तो महज इतना ही कहूंगा की तेजस्वी यादव को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए. इसलिए मैं हमेशा से यह कहना चाहता हूं कि महागठबंधन में एक कोऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए. यदि यह बना होता तो इसमें सब कुछ बात की जाती और इस तरह की कोई भी बात नहीं होती अब नहीं बनी है. तो हम बस इतना ही कहेंगे कि सुधाकर सिंह राजद के नेता हैं और इस बात पर ज्यादा सुप्रीमो को तुरंत एक्शन लेना चाहिए. वरना गठबंधन का चलना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा.

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