डिएसपी का खुला काला चिट्ठा, रिटायरमेंट से 1 दिन पहले डीएसपी राउत बुरे फँसे…

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Bihar : बिहार के भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो विशेष निगरानी इकाई और आर्थिक अपराध इकाई की करवाई आए दिन हो रही है.  मंगलवार को निगरानी  टीम ने बिहार पुलिस के एक डीएसपी पर अपना शिकंजा कसा है. आपको बता दें भ्रष्टाचार में संलिप्त डीएसपी का नाम विनोद कुमार राउत है. बतौर सब-इंस्पेक्टर इन्होंने बिहार पुलिस की नौकरी ज्वाइन किया था. प्रमोशन पाकर पहले इंस्पेक्टर फिर डीएसपी बने. रिटायरमेंट के 1 दिन पहले वह बहुत बुरी तरह से घिर गए हैं. आपको बता दें 31 अगस्त को उनकी सेवा का का अंतिम दिन है और 1 दिन पहले 30 अगस्त को डीएसपी के तीन ठिकानों पर निगरानी का छापा पड़ा है. हालांकि डीएसपी विनोद कुमार राउत अकेले ऐसे डीएसपी नहीं है जिन्होंने रिश्वत लेकर अकूत संपत्ति खड़ी की है. इस कतार में कई ऐसे पुलिस अधिकारी भी हैं. ऐसे ही डीएसपी भी हैं जिन्होंने पत्नी के नाम पर जमीन खरीद कर और उसे संपत्ति के ब्यौरे में छुपा लिया है. वह वर्तमान म एक अनुमंडल में बतौर एसडीपीओ पदस्थापित हैं. फिलहाल वे अपने सेवाकाल के अंतिम चरण में है.

प्रमोशन से बने है डीएसपी
आपको बता दें हम जिस डीएसपी के बारे में बता रहे हैं. वह  काफी दिनों से चंपारण इलाके में कार्यरत है. आपको बता दे जहां वह पदस्थापित है उसके पड़ोस वाले जिले में है उनका पैतृक घर है. ऐसा बताया जा रहा है कि अपने क्षेत्र में उनकी बदनामी भी बहुत है. वह अपनी सेवा के अंतिम काल में पहुंच गए हैं. बहुत बार आपने ऐसा कहते हुए सुना होगा कि अवैध काम को आप चाहे जितना भी छुपा ले, वह छुप नहीं सकता. कुछ वैसा ही हाल डीएसपी का भी हो गया है. भले ही उनके संपत्ति के ब्यौरे में पत्नी वाली संपत्ति छुप गई हो लेकिन सच सामने हैं. पत्नी के नाम पर जमीन वाली खबर बड़े अधिकारियों तक पहुंच चुकी है. अब देखना यह होगा कि संपत्ति छुपाने वाले अधिकारी पर आगे क्या कार्रवाई होती है. वैसे जिस तरह से एक डीएसपी की रिटायरमेंट के एक दिन पहले छापा पड़ा उसके बाद आगे कुछ भी हो सकता है.

विदित हो 30 अगस्त को डीएसपी विनोद कुमार राउत के खिलाफ कार्रवाई हुई. उनकी पोस्टिंग बोधगया स्थित बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस में है. ऐसा बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ काफी लंबे वक्त से भ्रष्टाचार में लिप्त होने और अवैध तरीके से रुपए कमाने को लेकर शिकायतें मिल रही थी. काली कमाई के जरिए होटल सहित अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े स्तर पर उनके द्वारा रुपयों का  इन्वेस्टमेंट किए जाने की बात भी सामने आई थी. वहीं पहली बार डीएसपी के ऊपर 2014 में ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा था जिसके बाद से ही निगरानी टीम अपने स्तर पर उसकी जांच कर रही थी.  सबूत मिलने पर पटना स्थित निगरानी थाना में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई.

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आपको बता दे निगरानी ब्यूरो ने डीएसपी के पटना के दो और बोधगया के एक जगह पर छापेमारी की है. आय से अधिक संपत्ति के लिए छापेमारी की गई है. रेट में 40,000 कैश 8.62 लाख की कीमत का 5 गोल्ड बिस्किट 10 लाख रुपए की जूलरी खरीदने का बिल, एलआईसी में इन्वेस्टमेंट के चार बांड, SBI में दो लॉकर, 17 बैंक अकाउंट सबको को ही सील कराया गया है. इसके साथ ही पटना नगर निगम के राजेंद्र नगर में एक दुकान, दिल्ली वृंदावन सोसायटी में फ्लैट बुकिंग का पेपर, पटना के लिए राजा बाजार में अशोक पुरी के होटल जैसा G+3 घर है. बजरंग इंटरप्राइजेज नाम से दुकान भी खुला है. इसके अलावा यहां से कई महत्वपूर्ण कागजात भी बरामद हुए हैं.

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