महिलाओं द्वारा पुरुषों साथ किया जा रहा घरेलू हिंसा, सामने आया चौंकाने वाला रिपोर्ट…,

0
Spread the love

Desk: बदलते जमाने के साथ बहुत कुछ बदल रहा है घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाएं अब सामने आने लगी हैं लेकिन पुरुष शर्मिंदगी समाज का दर्द और अपने ईगो की वजह से सामने आकर अपने ऊपर हो रहे विचारों के बारे में खुलकर नहीं बता रहे हैं.

बता दे ब्रिटेन में पुरुषों को लेकर हो रहे घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसे लेकर कई संस्था बनाई गई है जो ऐसे पुरुषों की मदद कर सकें. ज्योतिबा मैनकाइंड एक ऐसी संस्था है जो पुरुषों के लिए काम करती है उसकी मां ने तो घरेलू हिंसा किस प्रकार पुरुष कुछ भी बोलने से परहेज करते है.
मैनकाइंड संस्था के अनुसार ब्रिटेन में घरेलू हिंसा से पीड़ित हर तीन में से एक पुरुष होते हैं वही बीबीसी से बातचीत में 30 साल के एक युवक ने बताया कि वह शादी के कुछ सालों बाद से पत्नी के हाथों घरेलू हिंसा का शिकार हो रहा था वह उन्हें शारीरिक मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी लेकिन शर्मिंदगी की वजह से उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया मैंने चेक आउट की मदद से उस युवक ने घरेलू हिंसा से बाहर निकला. और अपनी पत्नी से अलग हो गया.

मैनकाइंड  के अनुसार 2004 में घरेलू हिंसा में दोषी ठहराए की महिलाओं की संख्या 806 थी जो साल 2020 में बढ़कर 4948 हो गई है यानी कि 100 कड़ी में काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसी बढ़ते आंकड़े को देखते हुए दक्षिण एशियाई पुरुषों की मदद के लिए मैन रिचिंग आउट सेवा शुरू की गई  है. जो घरेलू हिंसा में शिकार पुरूषों की मदद करता है. उसने हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. जहां पुरुष कॉल करके मदद मांगते हैं.

यह भी पढ़े : यह है पिता बनने की सही उम्र, इसके बाद स्पर्म होने लगते हैं डैमेज…

मैन रीचिंग आउट के सीईओ हुमांयू इस्लाम ने बीबीसी से बातचीत के दौरान बताया कि शुरुआत में 10 से 15 कॉल आते थे लेकिन अब हर महीने 50 से ज्यादा कॉल आने लगे हैं. साथियों ने बताया कि हम पुरुषों से बात करते हैं घरेलू हिंसा के शिकार हुए रहते हैं उन्हें उस रिश्ते से बाहर निकालते हैं तथा इसके साथ ही हर महीने भर से पुरुषों को एक साथ इकट्ठा करते हैं जो पत्नियों से प्रताड़ित हो चुके हैं वह अपने अनुभव को साझा करते हैं ताकि वह इस सदमे से बाहर निकल सके.

वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत में घरेलू हिंसा के तमाम कानून महिलाओं के हित में बनाए गए हैं. लेकिन इन सबके बीच पीलू हिंसा के शिकार पुरुषों की संख्या सामने नहीं आ पाती है. ‘सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन’ और ‘माई नेशन’ नाम की गैर सरकारी संस्थाओं के एक स्टडी में पाया गया कि भारत में 90 प्रतिशत से ज्यादा पति तीन साल के रिलेशनशिप में कम से कम एक बार घरेलू हिंसा का सामना कर चुके होते हैं. जब वो इसकी शिकायत करने थाने जाते हैं तो पुलिस इनकी सुनने की बजाय इन्हें हंसी का पात्र बना देते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *