राजद को लगा बड़ा झटका, विधायक अनिल सहनी की विधायकी की हुई खत्म….

Patna : बिहार विधानसभा से इस वक्त एक बेहद ही ताजा खबर सामने आ रही है. जी हां बता दे आरजेडी के विधायक रहे अनिल कुमार सहनी की सदस्यता को खत्म कर दिया गया है. दरअसल अनिल कुमार साहनी की विधायकी खत्म करने से जुड़ी अधिसूचना विधान सभा सचिवालय ने जारी कर दिया है. आपको बता दें कि उनके खिलाफ 1 मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सजा का ऐलान पहले ही किया था. जिसके बाद ही उनकी सदस्यता जानी तय थी. लेकिन अब विधानसभा सचिवालय में विधायकी खत्म करने से जुड़ी अधिसूचना को जारी कर दिया है.
जानकारी के लिए आपको बता दें अनिल सहनी को दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने सजा सुनाई थी. अनिल कुमार सहनी जदयू से दो दफे राज्यसभा के सदस्य पहले रह चुके हैं. साल 2010 से लेकर 2018 तक राज्यसभा के सदस्य रहने के दौरान उनपर LTC घोटाले यानी की अवकाश एवं भत्ता घोटाला का आरोप लगाया गया था. वहीं फिलहाल सहनी आरजेडी के विधायक हैं. अनिल कुमार सहनी पर यह आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहने के दौरान उन्होंने बिना किसी यात्रा किए जाली टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के माध्यम से 23 लाख 71 हजार रुपए का फर्जी काम किया था.
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दरअसल LTC घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने एक केस दर्ज किया था जिस पर सुनवाई के बाद 29 अगस्त को कोर्ट में अनिल साहनी के साथ 3 लोगों को एलटीसी घोटाले का दोषी करार दिया गया. यह मामला उस समय का है जब वह राज्यसभा में सदस्य हुआ करते थे. साथ ही आपको बता दें साहनी के सहयोगी एन एस नायर और अरविंद तिवारी को दो-दो साल की सजा दी गई थी और प्रत्येक पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगा था. वही विधायक साहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहने के दौरान उन्होंने बिना कोई यात्रा के जाली टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिए 23 लाख 71 हजार का फर्जीवाड़ा किया था.
उन्होंने कहा कि अभी तक की पदयात्रा के दौरान जो बात सामने आई है उसमें यह देखने को मिल रहा है कि गांवों में काम करने वाले पुरुषों की संख्या काफी कम हो गई है। गांवों में या तो बड़ी संख्या में महिलाएं मिल रही हैं या छोटे बच्चे और बुजुर्ग। गांवों में बड़ी संख्या में युवा काम करने के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर चुके हैं। वहीं बिहार में ग्रामीण सड़कों की हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है। लोगों के बीच को भ्रम बना है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार की सड़कें बन गई हैं, लेकिन ऐसी बात बिल्कुल ही नहीं है। ग्रामीण सड़कों की हालत अब वैसी ही हो गई हैं जब लालू प्रसाद के जमाने में होती थीं।वहीं बिजली बिल की समस्या को लेकर भी शिकायतों का अंबार देखने को मिल रहा है।