अगर कोई राजनेता होता तो आज पटना एयरपोर्ट पर मज़मा लगा होता
मगर शहीद जवान के लिए किसी मंत्री के पास समय नहीं


Desk : लद्दाख हादसे में जान गंवाने वाले वीर शहीद रामानुज यादव का पार्थिव शरीर रविवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचा. लेकिन हैरत की बात रही कि नीतीश सरकार की ओर से को भी मंत्री वीर बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं आए. इसे लेकर लोगों ने गुस्सा भी जताया. पालीगंज के रामानुज का पार्थिव शरीर जब उनके गांव के लिए रवाना हुआ तो बड़ी संख्या में उनके गांव और आसपास के लोग नम आंखों से उन्हें विदाई देने आए. राष्ट्र रक्षा में जान गंवाने वाले वीर बलिदानी बेटे को याद कर लोग भावुक हो गए.

हालांकि कई लोगों ने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि क्या वीर जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए नीतीश सरकार के किसी मंत्री को समय नहीं मिला. यहां तक कि लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपना गुस्सा उतारा. एक यूजर ने लिखा, मुख्यमंत्री तो छोड़िए, बिहार सरकार का कोई मंत्री तक श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुँचा. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा कि अगर कोई राजनेता होता तो आज एयरपोर्ट पर मजमा रहता लेकिन जवानों के लिए सरकार के पास समय नहीं है.

पटना एयरपोर्ट पर सत्ताधारी गठबंधन की ओर से रामकृपाल यादव जरुर दिखे. उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर शहीद को श्रद्धांजलि दी. रामकृपाल ने कहा, देश और बिहार ने भारत माता के सच्चे और बहादुर सपूत को खो दिया है. आज मैं काफी मर्माहत और विचलित हूं. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनके पिता ललन यादव सहित पूरे परिवार को इस संकट की घड़ी में ईश्वर धैर्य प्रदान करें. हालांकि राज्य सरकार के किसी मंत्री के नहीं आने से लोगों में खासा गुस्सा देखने को मिला.
एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री के तरफ से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, सांसद रामकृपाल यादव के साथ कई अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव अंत्येष्टि के लिए पालीगंज भेजा गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी.
शुक्रवार को लद्दाख में हुए हादसे में बिहार के पटना जिले के रामानुज की मौत हो गयी. 24 वर्षीय लाल रामानुज जिस गाड़ी में सफर कर रहे थे वह वाहन लद्दाख के तुकतुक सेक्टर में सड़क से फिसल कर श्योक नदी में गिर गया. हादसे में 7 जवानों की मौत हो गई जबकि 19 सैनिक घायल हो गए. मृत जवानों में पटना के पालीगंज प्रखंड के परियों गांव के 24 वर्षीय रामानुज यादव भी शामिल हैं.
गांव में रामानुज की मौत की खबर मिलते ही पुरे गांव में मातम पसर गया. शोक संतप्त परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. अपने बेटे को खोने के गम में पूरा गांव गमगीन है. बेटे की मौत की खबर मिलते ही रामानुज के पिता की तबीयत भी खराब हो गई. तीन भाइयों रामानुज सबसे छोटे थे. रामानुज का चयन महाराष्ट्र मराठा रेजीमेंट में 2016 में हुआ था.

गांव में रामानुज की मौत की खबर मिलते ही पुरे गांव में मातम पसर गया. शोक संतप्त परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. तीन भाइयों में रामानुज सबसे छोटे थे. उनकी उम्र महज 24 साल थी. रामानुज का चयन महाराष्ट्र मराठा रेजीमेंट में 2016 में हुआ था। जिसके बाद वह ड्यूटी पर तैनात थे. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर गांव के लिए रवाना कर दिया गया है.
edited by – raja tiwary