Headlines – हार्ट हटैक से बचना हुआ आसान


ठंड में बचाएं अपना हार्ट, बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं हेल्दी लाइफस्टाइल, रखें पूरी सावधानी: डॉ. शमशाद आलम
पटना कड़ाके की ठंड में लोग परेशान है। जनजीवन अस्त व्यस्त है। वैसे मरीज जो हार्ट की बीमारियों से परेशान है। उनको इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि ठंड के मौसम में हार्ट से जुड़े रोगों के मामले बढ़ जाते हैं। जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटना के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर शमशाद आलम का कहना है कि ठंड के मौसम में अगर थोड़ी-सी सावधानी बरती जाए, जीवन शैली पर ख्याल रखा जाए तो हार्ट के बढ़ते मामलों को से काफी हद तक कम किया जा सकता है।
डॉक्टर शमशाद ने बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा होते हैं। जिसकी वजह ज्यादा ठंड होने के साथ-साथ जीवन शैली में बदलाव भी हो सकता है। कई स्टडीज से यह सामने आया है कि दिल के दौरे का खतरा सर्दियों में बढ़ जाता है। ठंड का मौसम हमारे शरीर की गर्मी को चुरा लेता है और शरीर को अपने तापमान को संतुलित बनाए रखने के लिए वातावरण से लड़ना पड़ता है। सर्दियों में ज्यादा ठंड होने के कारण लोग बाहर कम निकल पाते हैं और ज्यादातर वक्त कंबल या बिस्तर में बैठकर गुजरते हैं। जबकि शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट को एक्टिव रखने के साथ ही व्यायाम, पैदल चलना और वर्कआउट जरूरी होता है। जब ठंड बढ़ती है तो व्यायाम शरीर को गर्म रखने के अलावा दिल को मजबूत बनाता है। हर समय एक्टिव रहने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
डॉक्टर शमशाद ने बताया कि पश्चिमी देशों की तुलना में हार्ट से जुड़ी बीमारियां हमारे देश में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। इसके कई कारण है जिसमें प्रमुख कारण तेजी से बदलती हमारी जीवनशैली है। हमारा खानपान बदल रहा है, हम लोग फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करने लगे हैं। फिजिकल एक्टिवीटी में कमी हो रही है। ये भी देखा जा रहा है कि एक बार सुबह में ऑफिस जाने के बाद लोग सीधे रात दस बजे तक कार्य कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनकी फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर रह रही है। इससे सीधे शरीर पर असर पड़ रहा है। मोटापा बढ़ रहा है अल्प समय में ही ब्लड प्रेशर की शिकायत हो जा रही है। इन सभी चीजों से हर्ट से जुड़ी बीमारियों को होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। एक स्टडी के अनुसार पश्चिमी देशों के मुकाबले भारतीयों में हार्ट की बीमारी 10 से 15 वर्ष पहले हो जाती है। स्मोकिंग, शराब का सेवन भी हार्ट पर खतरा बढा देता है। मेडिकल सुविधाएं बढने के कारण अब हार्ट से जुड़ी बीमारियों ज्यादा पहचान में भी आ रही है, पहले लोग जागरूक नहीं थे, इसलिए बीमारी का पता भी नहीं चलता था।
डॉक्टर शमशाद का यह भी कहना था कि ऐसे लक्षण हैं जिन पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो हार्ट की बीमारियों की पहचान की जा सकती है। जैसे अगर किसी को चलने के साथ छाती में तेज दर्द हो, सांस फूलने की शिकायत, थोड़ा चलने पर ही थकान का अनुभव, कार्य क्षमता में कमी, सीने में भारीपन महसूस हो तो अलर्ट हो जाना चाहिए। ये हार्ट से जुड़ी बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत हार्ट के डॉक्टर से दिखा लें। इसके अलावा अगर बीपी की दवा खा रहे हैं और दवाओं से फायदा नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। अचानक से छाती में तेज दर्द हो जाये तो तुरंत नजदीकी हार्ट के अस्पताल में जायें, यह न सोचे कि रात में दर्द हुआ है तो अब अगले दिन डॉक्टर के पास जायेंगे। हार्ट अटैक आने पर उसी समय तुरंत जल्द से जल्द डॉक्टर के पास पहुंचना जरूरी है। हार्ट अटैक के केस में शुरू के एक घंटे के अंदर अगर इलाज शुरू हो गया तो हार्ट को काफी कम नुकसान होता है, लेकिन देरी होने पर हार्ट को काफी नुकसान पहुंच सकता है। हर एक घंटे पर डैमेज छह से सात प्रतिशत बढ़ता जाता है।
डॉक्टर शमशाद ने बताया कि ठंड में हार्ट अटैक से बचना है तो इसके लिए कुछ चीजों को ध्यान देने की जरूरत है। जैसे खुद को हाइड्रेटेड रखें। सर्दी हो या गर्मी शरीर में पानी की कमी न होने दें। खुद को एक्टिव रखें, वॉक करें लेकिन हेवी एक्सरसाइ से बचे। डाइट में हेल्दी फूड ले। फैट बढ़ाने वाले या फिर मैदा से बने और डीप फ्राइड फूड से खुद को दूर रखें। जहां तक संभव हो भोजन हल्का करें। ऐसा भोजन करें जो जल्दी पच जाता है। और सबसे अहम यह कि शरीर को गर्म रखने का प्रयास करे। खुली और सर्द हवा में जाने से बचे। अगर जाना ही पड़े तो कपड़े सही से पहने। बॉडी को पूरी तरह ढक कर रखें और कान और तथा सिर को भी ढकें। ब्लड प्रेशर पर नजर बनाएं रखें।